गट १--श्लोक क्र.३



न गुरोरधिकं तत्त्वं
न गुरोरधिकं तप:।
न गुरोरधिकं ज्ञानं
तस्मै श्रीगुरवे नम:।।३।।

✓ पदच्छेद--
न, गुरो: ,अधिकं, तत्त्वम् , न , गुरो: , अधिकं,तप:, न गुरो:, अधिकं, ज्ञानं, तस्मै, श्रीगुरवे, नम:।

✓ शब्दार्थ-- 
१) न (अ)
= नाही 
= नहीं 
= No/Not

२) गुरो: > गुरु (पुं)
= गुरूपेक्षा 
= गुरूसे 
= than the Guru

३) अधिकम् > अधिक (वि)
= जास्त 
= बहुत 
= Better/bigger/superior 

४) तत्त्वम् > तत्त्व (नपुं)
= तत्त्व 
= तत्त्व 
= Principle

५) तप: >तप (नपुं)
= तपस्या 
= तपस्या 
= Penance

६) ज्ञानम् > ज्ञान(नपुं)
= ज्ञान 
= ज्ञान 
= Knowledge

७) तस्मै> तद् (पुं)
= त्यांना 
= उन्हे
= To him

८) श्रीगुरवे> श्रीगुरु (पुं)
= गुरूला 
= गुरु को 
= To the teacher par excellence

९) नम: (अ)
= नमस्कार असो 
= नमन करता हूँ/ करती हूँ
= Salutation

✓ प्रश्न--

१) गुरो: अधिकं किं किं न वर्तते?

२) कवि: कं नमति?


✓ अन्वय--

गुरो: अधिकं तत्त्वं नास्ति। गुरो: अधिकं तप: नास्ति। गुरो: अधिकं ज्ञानं न वर्तते। तस्मै श्रीगुरवे नम:।


✓ समश्लोकी--
गुरु तत्व महान, गुरु तप साधन |
गुरु ज्ञान परम, ऐशा गुरुस नमन ||

✓ अर्थ--


१) मराठी अर्थ -- 
गुरूहून मोठे तत्त्व नाही, गुरूहून (गुरुसेवेहून) मोठे तपाचरण नाही, गुरूपेक्षा (गुरुंनी दिलेल्या ज्ञानापेक्षा) मोठे ज्ञान नाही. त्या श्रीगुरूंना नमस्कार असो.

२) संस्कृत अर्थ-- 

तुलनया गुरुदेवात् श्रेष्ठं तत्त्वं, गुरुसेवाया: श्रेष्ठं तप:, गुरुदत्तात् श्रेष्ठं ज्ञानं न विद्यते। अहं तादृशं श्रीगुरुं नमामि।


३) हिंदी अर्थ— 
गुरु तत्व से अधिक कोई तत्व नहीं है , गुरु सेवा से बढ़कर कोई तप नहीं है , गुरु ज्ञान से बढ़कर कोई ज्ञान नहीं है , ऐसे तत्वस्वरुप गुरु देव को मेरा प्रणाम है ।

४) English Meaning-- 

There is no superior principle to the Guru, no better penance than absolute faith in him, no better knowledge than the one imparted by him. To that Guru, my salutations.